Facts About hindi story Revealed
Facts About hindi story Revealed
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इतालो काल्विनो की कहानी : 'थेफ्ट इन केक शॉप' जो आज की अर्थनीति से बनाए-गढ़े जानेवाले समाज का एक महत्वपूर्ण क्रिटीक है, 'कफ़न' की बेतहाशा याद आती है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
मधुसूदन आनंद की 'करौंदे का पेड़', 'टिड्डा' और 'मिन्नी', संजय खाती की 'पिंटी का साबुन', पंकज बिष्ट की 'बच्चे गवाह नहीं हो सकते', भैरव प्रसाद गुप्त की 'मृत्यु' दैली अद्भुत कहानी.
आधुनिक बनने का प्रदर्शन करते शहरी मध्यवर्गीय परिवार के करियरिज़्म पर एक तीखी टिप्पणी की तरह है यह एक और अविस्मरणीय कहानी.
मरने के पहले पागल बिशन सिंह की गाली, भारत और पाकिस्तान के लहूलुहान बंटवारे पर एक ऐसी टिप्पणी बन जाती है, जो अब विश्व कथा साहित्य में एक गहरी, मार्मिक, अविस्मरणीय मनुष्यता की चीख़ के रूप में हमेशा के लिए उपस्थित है :
फिर भी आपने उसको अपने हाथ से बचाया। आप ऐसा क्यों कर रहे थे ?
The novel delves into themes which include gender inequality, social reform, and The hunt for private freedom. This Hindi fiction ebook is celebrated for its sensible portrayal of figures and its social commentary. The narrative skillfully addresses the complexities of Indian Culture, shedding mild to the oppression faced by Females and the need for social transformation.
सुरीली दोनों गीदड़ को अपने सिंघ से मार-मार कर रोक रही थी।
Picture: Courtesy Amazon A novel prepared by Kashinath Singh, this Hindi fiction e book was originally printed in Hindi. Established while in the spiritual and cultural hub of Varanasi, the novel presents a vivid portrayal of town’s multifaceted everyday living and its socio-cultural intricacies. Kashinath Singh explores the complexities of the city in the lens of its people, capturing the essence of Varanasi’s historic traditions, spiritual practices, as well as the clash between hindi story modernity and age-outdated customs.
उन हिरणियों के पैरों से विशाल को चोट लगी, वह रोने लगा।
दोनों भाई खेलने लगे, इसको देकर उसकी मां बहुत खुश हुई।
दुर्भाग्य से इस कहानी की अब तक की गई चर्चा सिर्फ़ इसके कथ्य यानी एक गहरे भावुक प्रेम की त्रासद विडंबना के ही संदर्भ में की गई है और जिसका आधार लहना सिंह और उसकी प्रेमिका के बीच के इस संवाद तक हमेशा समेट दिया जाता है :
उसके शरीर का आधा हिस्सा हिंदुस्तान और आधा पाकिस्तान की सीमा में आता है.
कहानी के जोबन का उभार और बोल-चाल की दुलहिन का सिंगार किसी देश में किसी राजा के घर एक बेटा था। उसे उसके माँ-बाप और सब घर के लोग कुँवर उदैभान करके पुकारते थे। सचमुच उसके जीवन की जोत में सूरज की एक सोत आ मिली थी। उसका अच्छापन और भला लगना कुछ ऐसा न था जो इंशा अल्ला ख़ाँ